अमेठी जनपद के मुंशीगंज थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित संजय गांधी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह अस्पताल अपने कारनामों के चलते कई बार देश की मीडिया में सुर्खियों का विषय बना रहा है। आपको बता दें कि इस अस्पताल की ट्रस्टी सोनिया गांधी है। यह संजय गांधी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा संचालित किया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने बड़े ही अरमानों के साथ इस अस्पताल की नींव रखी थी और बनवाया हुआ था। लेकिन अब यह अस्पताल अमेठी की जनता की मौत का अस्पताल बन चुका है। ताजा मामला यह है कि संग्रामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मंडौली गांव की 22 वर्षीय बेटी दिव्या जिसकी शादी मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत राम शाहपुर गांव में हुई थी। इस बिटिया की गोद में 10 मा का बच्चा भी है। दिव्या को पेट दर्द की समस्या थी तभी ओपीडी में पहुंचकर इसने संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क किया । तब डॉक्टर ने तमाम जांच करने के बाद बताया कि पित्त की थैली में पथरी है । जिनका ऑपरेशन करना पड़ेगा। जिसके लिए 14 सितंबर ऑपरेशन हेतु डेट निर्धारित की गई थी । जब दिव्या के परिजन ऑपरेशन करवाने के लिए दिव्या को लेकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचे तो सब कुछ बिल्कुल ठीक-ठाक था। वह बेटी अपने 10 माह के बच्चे को गोद में लेकर बाइक से बैठकर अस्पताल पहुंची थी। इसके बाद डॉक्टर उसे ऑपरेशन थिएटर में ले गए और उसको बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया। बेहोशी का इंजेक्शन देना ही दिव्या को भारी पड़ गया और वह कोमा में चली गई। उसकी पथरी का ऑपरेशन नहीं हो सका। 30 घंटे से अधिक समय हो चुका है परिजन लगातार परेशान है। अस्पताल में कोई भी काबिल डॉक्टर मौजूद नहीं है। बताया जा रहा है कि इसी दौरान दिव्या हार्ट अटैक भी आ गया और उसकी नाक से खून आ गया है। दोपहर से ही अस्पताल प्रशासन लगातार अपने अस्पताल और स्टाफ को बचाने में लगा हुआ है और वह मृत पड़ी दिव्या को किसी भी तरह अस्पताल परिसर से बाहर भेजना चाहता है। अस्पताल प्रशासन लगातार परिजनों से अभद्र व्यवहार भी कर रहे थे । जिसके चलते परिजनों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। ससुराल और मायके दोनों पक्ष से कुल मिलाकर सैकड़ो लोग संजय गांधी अस्पताल परिसर में जमा हुए हैं। स्थानीय कोतवाली मुंशीगंज प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया है । परिजनों के द्वारा पूरी बात पुलिस प्रशासन को बताते हुए अस्पताल और अटेंडिंग डॉक्टर की लापरवाही को लेकर तहरीर दी गई। परिजनों की तहरीर पर तत्काल मुंशीगंज कोतवाली ने मामला पुलिस अधीक्षक के पास भेजा और पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी तथा जिलाधिकारी के द्वारा सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि वह एक मेडिकल टीम बनाकर अस्पताल में हुए पूरे घटनाक्रम की जांच करते हुए रिपोर्ट प्रेषित करें। मौके पर इंस्पेक्टर मुंशीगंज के साथ पुलिस क्षेत्राधिकार गौरीगंज मयंक द्विवेदी ने पहुंचकर अस्पताल प्रशासन से बात करते हुए परिजनों को धैर्य धारण करने के लिए कहा है। परिजनों का कहना है कि जब मामला हाथ से निकल गया तब डॉक्टर अब पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में अब उसे कहीं बाहर ले जाना संभव नहीं है। हमारे मरीज की हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है । जैसे ही उसे एम्बुलेंस में शिफ्ट किया जाएगा मरीज किसी भी समय दम तोड़ सकती है। इसी के साथ-साथ परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।