राजभवन में मनाया गया अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थापना दिवस
संवाददाता गंगेश पाठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में राजभवन में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर दोनों राज्यों की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक मान्यताओं और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाली डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और प्रदर्शनी के माध्यम से राज्यों की विविधता को दर्शाया गया।
राज्यपाल ने कलाकारों और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है और इस प्रकार के आयोजनों से राज्यों की परंपराओं का आदान-प्रदान होता है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के लोग नृत्य, गीत और संगीत को बड़े उत्साह और भावनाओं के साथ प्रस्तुत करते हैं।
राज्यपाल ने अरुणाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के पर्वत, झरने और नदियां अद्वितीय आनंद प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इस कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है और इसमें भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सैनिक अपने परिवार की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं, जिसे कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में राजभवन द्वारा तैयार डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया। दोनों राज्यों की महान विभूतियों, पारंपरिक परिधानों, संगीत वाद्ययंत्रों, ऐतिहासिक स्मारकों और प्रसिद्ध स्थानों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। राज्यपाल ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसमें प्रदर्शित रंगोली कला, परंपरागत हस्तशिल्प और ऐतिहासिक धरोहरों की सराहना की।
कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की लोकसंस्कृति को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न नृत्यों और संगीत प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। इनमें रिखम पाड़ा नृत्य, लायन नृत्य, चेराव नृत्य, बांसुरी वादन और सामूहिक लोक नृत्य प्रमुख रहे। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को दोनों राज्यों की संस्कृति के करीब लाने का कार्य किया।