भारत ने दोहराई यूएनएससी में बदलाव की मांग
न्यूयॉर्क। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बदलाव की मांग की है। भारत ने मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में यूएनएससी में बदलाव की मांग करते हुए कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में जब दुनियाभर में संघर्ष बढ़ रहे हैं, उनमें यूएनएससी पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ साबित हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि और प्रभारी आर. रविंद्र ने सोमवार को यहां कहा हाल में घटे वैश्विक भू-राजनीति घटनाक्रमों ने साफ दर्शाया है कि यूएनएससी अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का संरक्षण करने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने में अक्षम है, जबकि दुनिया को इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
यूएनएससी में एक उच्चस्तरीय परिचर्चा में जी4 देशों-ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत की ओर से बयान देते हुए भारतीय राजदूत ने ये बात कही। परिचर्चा का विषय था अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाकर रखना: ऐतिहासिक अन्याय पर ध्यान देना और यूएनएससी में अफ्रीका के प्रभावी प्रतिनिधित्व का विस्तार करना।
रविंद्र ने स्पष्ट रूप से कहा कि जी4 देशों के लिए यूएनएससी के सही से काम नहीं करने की प्राथमिक वजह अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों को प्रतिनिधित्व नहीं देना तथा स्थायी श्रेणी में एशिया प्रशांत क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देना है। उन्होंने कहा बड़े देशों या समूहों द्वारा अपने संकीर्ण हित में बातचीत प्रक्रियाओं को बाधित किया जा रहा है। यह बहुपक्षीय भावना के लिए हानिकारक है और जहां भी जरूरी हो, इसका विरोध होना चाहिए।
भारतीय राजदूत ने अगले महीने होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के सालाना उच्चस्तरीय सत्र से पहले भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि 1945 में परिषद की स्थापना के समय जो वास्तविकताएं थीं, उनकी जगह मौजूदा भू-राजनीतिक वास्तविकताओं ने ले ली है और हर स्तर पर बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)