भारत-नीदरलैंड का सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन पर सीधा फोकस
नई दिल्ली। भारत और नीदरलैंड ने सेमीकंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करके द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है। भारत-नीदरलैंड विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के दौरान दोनों पक्षों के बीच यह सहमति बनी है।
गुरुवार को 12वें भारत-नीदरलैंड एफओसी को नीदरलैंड के हेग में आयोजित किया गया, जहां भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने किया। डच प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नीदरलैंड के विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी जनरल पॉल हुजित्स ने किया।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा एफओसी ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने और सहयोग के भविष्य के एजेंडे पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रगति का स्वागत किया और जल, कृषि और स्वास्थ्य (डब्ल्यूएएच एजेंडा), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और उच्च तकनीक एवं नवाचार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आगे बढ़ने के तरीके पर विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने सेमीकंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करके द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। नीदरलैंड की अपनी यात्रा के दौरान कपूर ने अनुसंधान और शिक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान डेल्फ़्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी का भी दौरा किया। हेग स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने नीदरलैंड के अग्रणी तकनीकी विश्वविद्यालय डेल्फ़्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी का दौरा किया और फैकल्टी, शोधकर्ताओं और भारतीय छात्रों के साथ आकर्षक बातचीत की, जिसमें डेल्फ़्ट विश्वविद्यालय और भारतीय संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान कपूर ने हेग के पीस पैलेस का भी दौरा किया और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के रजिस्ट्रार फिलिप गौटियर और न्यायाधीश दलवीर भंडारी के साथ बैठकें कीं और आईसीजे के कार्य और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति भारत की महत्ता पर चर्चा की।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)