2025-26 केंद्रीय बजट: समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण की नई दिशा

2025-26 केंद्रीय बजट: समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण की नई दिशा

नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025— वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2025-26 का आम बजट प्रस्तुत किया। यह बजट देश की आर्थिक गति को तेज करने, समावेशी विकास सुनिश्चित करने, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने, घरेलू खपत को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को सशक्त करने के लिए तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह बजट चार प्रमुख इंजन— कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात— को बल देता है। इसके अतिरिक्त, सुधारों को इस विकास यात्रा का ईंधन और समावेशिता को इसकी प्रेरणादायक भावना बताया गया है।

सरकार ने इस बजट में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केंद्र में रखते हुए 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें कृषि और ग्रामीण विकास, निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’, एमएसएमई सशक्तिकरण, रोजगार उन्मुख योजनाएं, नवाचार में निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, निर्यात संवर्धन और व्यापक सुधार शामिल हैं।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 कृषि जिलों को शामिल किया गया है, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इस योजना में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही, ‘ग्रामीण समृद्धि एवं आत्मनिर्भरता कार्यक्रम’ के तहत युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई है।

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन के तहत 6 वर्षों में तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। नैफेड और एनसीसीएफ किसानों से इन दालों की सीधे खरीद करेंगे। इसके अतिरिक्त, फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय योजना शुरू की गई है, जिससे किसानों को उपयुक्त बाजार और बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।

बिहार में मखाना उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष ‘मखाना बोर्ड’ की स्थापना की जाएगी। यह बोर्ड किसानों को प्रशिक्षण, विपणन और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का कार्य करेगा।

राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन के अंतर्गत उन्नत किस्म के बीजों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, कपास उत्पादक किसानों के लिए एक 5 वर्षीय ‘मिशन फॉर कॉटन प्रोडक्टिविटी’ शुरू किया जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और भारत का वस्त्र उद्योग सशक्त होगा।

सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की घोषणा की है, जिससे किसानों को सस्ते और सुगम वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकेगी। असम के नम्रूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना से उर्वरकों की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार ने इसके वर्गीकरण मानदंडों को 2.5 और 2 गुना बढ़ाने की घोषणा की है। साथ ही, क्रेडिट गारंटी कवर को ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ किया गया है, जिससे अगले पांच वर्षों में ₹1.5 लाख करोड़ का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होगा।

स्टार्टअप्स के लिए एक नया ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स स्थापित किया जाएगा, जिससे नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने पहली बार महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की है, जिसमें 5 लाख नए उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन उपलब्ध कराया जाएगा।

नवीन ऊर्जा मिशन के तहत 100 GW परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन किया जाएगा ताकि निजी कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर सकें।

UDAN योजना का विस्तार करते हुए 120 नए हवाई गंतव्यों को जोड़ा जाएगा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा और पर्यटन व व्यापार को बल मिलेगा। भारत पोस्ट को डिजिटल और वित्तीय सेवाओं का केंद्र बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

निर्यात संवर्धन के लिए ‘भारत ट्रेडनेट’ नामक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्थापित की जाएगी, जिससे व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तीय समाधान में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से भारतीय कंपनियों को जोड़ने के लिए विशेष सहयोग योजनाएं शुरू की जाएंगी।

सरकार ने आयकर छूट सीमा को ₹12 लाख तक बढ़ा दिया है, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। नई कर संरचना के अनुसार—

₹0-4 लाख: कोई कर नहीं

₹4-8 लाख: 5%

₹8-12 लाख: 10%

₹12-16 लाख: 15%

₹16-20 लाख: 20%

₹20-24 लाख: 25%

₹24 लाख से अधिक: 30%

इसके अलावा, नए प्रत्यक्ष कर कानून को संसद में लाने की घोषणा की गई है, जिससे कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

सरकार ने 2025-26 के लिए कुल व्यय ₹50.65 लाख करोड़ निर्धारित किया है। वित्तीय घाटे को 4.4% पर बनाए रखने का लक्ष्य रखा गया है। पूंजीगत व्यय ₹10.18 लाख करोड़ रहेगा, जिससे अधोसंरचना और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

यह बजट गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को सशक्त बनाने और ‘विकसित भारत’ की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए तैयार किया गया है। सरकार ने कृषि, MSME, निवेश, निर्यात, रोजगार, नवाचार और सुधारों को मुख्य आधार बनाकर आर्थिक वृद्धि को नई ऊंचाई देने का प्रयास किया है।

बजट में घोषित योजनाओं का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कृषि सुधार और औद्योगिक विकास को मजबूती प्रदान करना है। सरकार का लक्ष्य भारत को एक समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है, जिससे वैश्विक मंच पर देश की स्थिति और सुदृढ़ हो सके।

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