भारत ने एक बार फिर उठाया यूएनएससी में सुधार का मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से उसके सुधार पर समयबद्ध बातचीत के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत आर. रवींद्र ने बुधवार को सुरक्षा परिषद की खुली बहस में स्पष्ट तौर पर प्रमुख देशों और समूहों द्वारा परिषद के तंत्र में हेरफेर को बहुपक्षीय भावना के लिए ‘हानिकारक’ करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर राजदूत रवींद्र के वक्तव्य का एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें वह सुरक्षा परिषद में सुधार के साथ स्पष्ट शब्दों में भारत का रुख स्पष्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
रवींद्र ने सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कहा विश्व संस्था के बहुपक्षीय प्रणाली के नाकाम रहने का प्राथमिक कारण इसका अभी भी 1945 के पुराने दृष्टिकोण में फंसा होना है। यह सुरक्षा परिषद की संरचना में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। इसलिए, सुधारित बहुपक्षवाद पर भारत की स्थिति का मूल, सुरक्षा परिषद में सुधार के आह्वान में निहित है, जो समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करता है।
सुधारों पर समयबद्ध वार्ता के लिए पुनः प्रतिबद्धता का आह्वान करते हुए राजदूत रवींद्र ने कहा बड़े देशों या समूहों की ओर से अपने खुद के संकीर्ण हितों के लिए बातचीत की प्रक्रियाओं और सिस्टम को नुकसान पहुंचाना बहुपक्षीय भावना के लिए काफी नुकसानदायक है और जहां भी आवश्यक हो, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने जी20 सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र भी किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, उस समय की दुनिया आज से बिल्कुल अलग थी।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)