बस का सफर हुआ मुश्किल, लखनऊ से जगदीशपुर रोडवेज, बाईपास से निकलती बसे।
अमेठी जिला के सभी विधानसभा की जनता ( जगदीशपुर तिलोई सालोंन अमेठी )को मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई साधन नहीं है। जिसके चलते लोगों को मुख्यालय जाने के लिए प्राइवेट बसों और फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जो कि ओवरलोड चलते हैं जिनसे दुर्घटना का खतरा बना रहता है वहीं दूसरी ओर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाते हैं।
इतिहास और परिवर्तित स्थिति
अमेठी जिला का मुख्यालय गौरीगंज, मायावती सरकार के दौरान बनाया गया था। उस समय जिले का नाम छत्रपति साहू जी महाराज नगर रखा गया था। सरकार बदली, और जिले का नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया। सपा सरकार आई और जिले का नाम फिर से बदलकर अमेठी कर दिया गया, जिसका मुख्यालय गौरीगंज रखा गया। उस समय अमेठी के सांसद राहुल गांधी थे। इसके बाद, भाजपा की सरकार आई और स्मृति ईरानी अमेठी की सांसद बनीं। वर्तमान में कांग्रेस के सांसद किशोरी लाल शर्मा हैं। अमेठी जिले की हर विधानसभा सीट के विधायक भी बदलते रहे, परंतु कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की जनता के लिए मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध नहीं करा सका।
वर्तमान स्थिति+
जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसमें हलियापुर, शुकुल बाजार, और जगदीशपुर जैसी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं, वहां भी मुख्यालय जाने का कोई साधन नहीं है। एक बार राधे श्याम विधायक और वर्तमान में दो बार सुरेश पासी विधायक हैं, जो कि पूर्व मंत्री भी रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी इस समस्या का समाधान नहीं किया। आज भी यहां की जनता गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए विकलांग है। शुकुल बाजार, हलियापुर, और मुसाफिरखाना जैसे स्थानों से गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
समस्याओं का विश्लेषण साधनों की कमी
जगदीशपुर, हलियापुर, शुकुल बाजार, और मुसाफिरखाना जैसे बड़े कस्बों से मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई रोडवेज बस सेवा उपलब्ध नहीं है प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग जनता को प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी यात्रा असुरक्षित होती है, बल्कि सरकार को भी राजस्व की हानि होती है।भेदभावपूर्ण व्यवहार आलमबाग बस अड्डे पर जगदीशपुर, मुसाफिरखाना और अलीगंज के यात्रियों को बैठाने से मना कर दिया जाता है और यदि वे बैठ भी जाते हैं, तो उन्हें बाईपास पर ही उतार दिया जाता है राजस्व की हानि रोडवेज बसें बाईपास से निकल जाती हैं, जिससे सरकार के राजस्व में कमी होती है और यात्रियों को असुविधा होती है।
´जनता की मांगें
रोडवेज बस सेवा जगदीशपुर विधानसभा के लोगों की मांग है कि मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध कराई जाएं। कर्मचारी नियुक्ति जगदीशपुर बस अड्डे पर कोई कर्मचारी नियुक्त किया बस अड्डे पर कंडक्टर को टोकन जाए जो बाईपास पर जाने वाली बसों पर नजर रखे और उच्च अधिकारी से शिकायत करे। समाधान की आवश्यकता अमेठी की जनता उम्मीद करती है कि सरकार इस समस्या का शीघ्र समाधान करेगी और जगदीशपुर तहसील के लोगों को मुख्यालय जाने के लिए सुविधाजनक साधन उपलब्ध कराएगी। सरकार को चाहिए कि वह जनता की इस महत्वपूर्ण मांग पर ध्यान दे और जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जगदीशपुर, मुसाफिरखाना, और अलीगंज की जनता मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री से निवेदन करती है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए और जगदीशपुर बस अड्डे पर नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी आदेशित किए जाएं, जो बाईपास जाने वाली रोडवेज बसों पर निगरानी रखें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ताकि रोडवेज बसों की सेवाएं सुधरें और यात्रियों को राहत मिल सके। उम्मीदें और अपेक्षाएँअमेठी की जनता उम्मीद करती है कि उनके सांसद और विधायक इस समस्या को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही इसका समाधान करेंगे। ताकि अमेठी का विकास हो सके और जनता को राहत मिल सके। जगदीशपुर अमेठी अमेठी जिला के सभी विधानसभा की जनता ( जगदीशपुर तिलोई सालोंन अमेठी )को मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई साधन नहीं है। जिसके चलते लोगों को मुख्यालय जाने के लिए प्राइवेट बसों और फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जो कि ओवरलोड चलते हैं जिनसे दुर्घटना का खतरा बना रहता है वहीं दूसरी ओर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाते हैं।
इतिहास और परिवर्तित स्थिति
अमेठी जिला का मुख्यालय गौरीगंज, मायावती सरकार के दौरान बनाया गया था। उस समय जिले का नाम छत्रपति साहू जी महाराज नगर रखा गया था। सरकार बदली, और जिले का नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया। सपा सरकार आई और जिले का नाम फिर से बदलकर अमेठी कर दिया गया, जिसका मुख्यालय गौरीगंज रखा गया। उस समय अमेठी के सांसद राहुल गांधी थे। इसके बाद, भाजपा की सरकार आई और स्मृति ईरानी अमेठी की सांसद बनीं। वर्तमान में कांग्रेस के सांसद किशोरी लाल शर्मा हैं। अमेठी जिले की हर विधानसभा सीट के विधायक भी बदलते रहे, परंतु कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की जनता के लिए मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध नहीं करा सका। वर्तमान स्थिति+
जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसमें हलियापुर, शुकुल बाजार, और जगदीशपुर जैसी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं, वहां भी मुख्यालय जाने का कोई साधन नहीं है। एक बार राधे श्याम विधायक और वर्तमान में दो बार सुरेश पासी विधायक हैं, जो कि पूर्व मंत्री भी रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी इस समस्या का समाधान नहीं किया। आज भी यहां की जनता गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए विकलांग है। शुकुल बाजार, हलियापुर, और मुसाफिरखाना जैसे स्थानों से गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
समस्याओं का विश्लेषण साधनों की कमी
जगदीशपुर, हलियापुर, शुकुल बाजार, और मुसाफिरखाना जैसे बड़े कस्बों से मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई रोडवेज बस सेवा उपलब्ध नहीं है प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग जनता को प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी यात्रा असुरक्षित होती है, बल्कि सरकार को भी राजस्व की हानि होती है।भेदभावपूर्ण व्यवहार आलमबाग बस अड्डे पर जगदीशपुर, मुसाफिरखाना और अलीगंज के यात्रियों को बैठाने से मना कर दिया जाता है और यदि वे बैठ भी जाते हैं, तो उन्हें बाईपास पर ही उतार दिया जाता है राजस्व की हानि रोडवेज बसें बाईपास से निकल जाती हैं, जिससे सरकार के राजस्व में कमी होती है और यात्रियों को असुविधा होती है।
´जनता की मांगें
रोडवेज बस सेवा जगदीशपुर विधानसभा के लोगों की मांग है कि मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध कराई जाएं। कर्मचारी नियुक्ति जगदीशपुर बस अड्डे पर कोई कर्मचारी नियुक्त किया बस अड्डे पर कंडक्टर को टोकन जाए जो बाईपास पर जाने वाली बसों पर नजर रखे और उच्च अधिकारी से शिकायत करे। समाधान की आवश्यकता अमेठी की जनता उम्मीद करती है कि सरकार इस समस्या का शीघ्र समाधान करेगी और जगदीशपुर तहसील के लोगों को मुख्यालय जाने के लिए सुविधाजनक साधन उपलब्ध कराएगी। सरकार को चाहिए कि वह जनता की इस महत्वपूर्ण मांग पर ध्यान दे और जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जगदीशपुर, मुसाफिरखाना, और अलीगंज की जनता मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री से निवेदन करती है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए और जगदीशपुर बस अड्डे पर नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी आदेशित किए जाएं, जो बाईपास जाने वाली रोडवेज बसों पर निगरानी रखें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ताकि रोडवेज बसों की सेवाएं सुधरें और यात्रियों को राहत मिल सके। उम्मीदें और अपेक्षाएँअमेठी की जनता उम्मीद करती है कि उनके सांसद और विधायक इस समस्या को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही इसका समाधान करेंगे। ताकि अमेठी का विकास हो सके और जनता को राहत मिल सके। जगदीशपुर अमेठी अमेठी जिला के सभी विधानसभा की जनता ( जगदीशपुर तिलोई सालोंन अमेठी )को मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई साधन नहीं है। जिसके चलते लोगों को मुख्यालय जाने के लिए प्राइवेट बसों और फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जो कि ओवरलोड चलते हैं जिनसे दुर्घटना का खतरा बना रहता है वहीं दूसरी ओर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाते हैं। इतिहास और परिवर्तित स्थिति अमेठी जिला का मुख्यालय गौरीगंज, मायावती सरकार के दौरान बनाया गया था। उस समय जिले का नाम छत्रपति साहू जी महाराज नगर रखा गया था। सरकार बदली, और जिले का नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया। सपा सरकार आई और जिले का नाम फिर से बदलकर अमेठी कर दिया गया, जिसका मुख्यालय गौरीगंज रखा गया। उस समय अमेठी के सांसद राहुल गांधी थे। इसके बाद, भाजपा की सरकार आई और स्मृति ईरानी अमेठी की सांसद बनीं। वर्तमान में कांग्रेस के सांसद किशोरी लाल शर्मा हैं। अमेठी जिले की हर विधानसभा सीट के विधायक भी बदलते रहे, परंतु कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की जनता के लिए मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध नहीं करा सका।वर्तमान स्थिति+ जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसमें हलियापुर, शुकुल बाजार, और जगदीशपुर जैसी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं, वहां भी मुख्यालय जाने का कोई साधन नहीं है। एक बार राधे श्याम विधायक और वर्तमान में दो बार सुरेश पासी विधायक हैं, जो कि पूर्व मंत्री भी रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी इस समस्या का समाधान नहीं किया। आज भी यहां की जनता गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए विकलांग है। शुकुल बाजार, हलियापुर, और मुसाफिरखाना जैसे स्थानों से गौरीगंज मुख्यालय जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
समस्याओं का विश्लेषण साधनों की कमी जगदीशपुर, हलियापुर, शुकुल बाजार, और मुसाफिरखाना जैसे बड़े कस्बों से मुख्यालय गौरीगंज जाने के लिए कोई रोडवेज बस सेवा उपलब्ध नहीं है प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग जनता को प्राइवेट बसों और ओवरलोड फोर व्हीलर का उपयोग करना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी यात्रा असुरक्षित होती है, बल्कि सरकार को भी राजस्व की हानि होती है।भेदभावपूर्ण व्यवहार आलमबाग बस अड्डे पर जगदीशपुर, मुसाफिरखाना और अलीगंज के यात्रियों को बैठाने से मना कर दिया जाता है और यदि वे बैठ भी जाते हैं, तो उन्हें बाईपास पर ही उतार दिया जाता है राजस्व की हानि रोडवेज बसें बाईपास से निकल जाती हैं, जिससे सरकार के राजस्व में कमी होती है और यात्रियों को असुविधा होती है।´जनता की मांगें रोडवेज बस सेवा जगदीशपुर विधानसभा के लोगों की मांग है कि मुख्यालय जाने के लिए रोडवेज की बसें उपलब्ध कराई जाएं। कर्मचारी नियुक्ति जगदीशपुर बस अड्डे पर कोई कर्मचारी नियुक्त किया बस अड्डे पर कंडक्टर को टोकन जाए जो बाईपास पर जाने वाली बसों पर नजर रखे और उच्च अधिकारी से शिकायत करे। समाधान की आवश्यकता अमेठी की जनता उम्मीद करती है कि सरकार इस समस्या का शीघ्र समाधान करेगी और जगदीशपुर तहसील के लोगों को मुख्यालय जाने के लिए सुविधाजनक साधन उपलब्ध कराएगी। सरकार को चाहिए कि वह जनता की इस महत्वपूर्ण मांग पर ध्यान दे और जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जगदीशपुर, मुसाफिरखाना, और अलीगंज की जनता मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री से निवेदन करती है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए और जगदीशपुर बस अड्डे पर नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी आदेशित किए जाएं, जो बाईपास जाने वाली रोडवेज बसों पर निगरानी रखें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ताकि रोडवेज बसों की सेवाएं सुधरें और यात्रियों को राहत मिल सके। उम्मीदें और अपेक्षाएँअमेठी की जनता उम्मीद करती है कि उनके सांसद और विधायक इस समस्या को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही इसका समाधान करेंगे। ताकि अमेठी का विकास हो सके और जनता को राहत मिल सके