“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजनांतर्गत पीसीपीएनडीटी एक्ट पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन
जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का किया शुभारंभ।
अमेठी। आज स्वास्थ्य विभाग एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा मुंशीगंज स्थित एचएएल कोरवा में बेटी “बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजनांतर्गत पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 एक्ट पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में अभियान चलाकर अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर के विरुद्ध कार्यवाही की गई है सभी यह सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी भ्रूण की जांच न होने पाए। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित समस्त लोगों को कहा कि कार्यशाला में दिए जा रहे प्रशिक्षण को गहनता के साथ प्राप्त करें। उक्त कार्यशाला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित समस्त महिला सशक्तिकरण योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में समस्त एमओआईसी, महिला चिकित्सक, जनपद में संचालित समस्त अल्ट्रासाउंड एवं सोनोलॉजिस्ट संचालकों को लखनऊ से आए राज्य स्तरीय पीसीपीएनडीटी के तकनीकी सलाहकार अरविंद सिंह द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 में उल्लेखित प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा करते हुए अल्ट्रासाउंड केंद्र का पंजीकरण, नवीनीकरण, केंद्र के निरीक्षण की प्रक्रिया, अभिलेखों के रखरखाव, अल्ट्रासाउंड किए जाने हेतु चिकित्सकों की अर्हता, अधिनियम में निहित अपराध एवं शक्तियों सहित अधिनियम की पूर्ण जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला के दौरान उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर जोर देते हुए कहा कि बेटियां हैं तो कल है। उन्होंने कहा कि बेटी एवं बेटे में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए, दोनों को समान रूप से अवसर मिलना चाहिए, बेटियां किसी से कम नहीं होती। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में बेटियों का अभूतपूर्व योगदान मिल रहा है। कार्यशाला के दौरान मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा अंशुमान सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. बीपी अग्रवाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल मौर्य, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा रामप्रसाद सहित समस्त स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, समस्त पंजीकृत अल्ट्रासाउंड संचालक व सोनोलॉजिस्ट, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा एवं आशा संगिनी एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।