किसानों के लिए है मुनाफा भरा पपीते की खेती
सुल्तानपुर।के एन आई पी एस एस , के कृषि प्रक्षेत्र में प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह के दिशानिर्देश में की गयी पपीते की खेती। पपीता को उद्यान विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ अंशुमान सिंह ने किसानो के लिए मुनाफाभरे अच्छे विकल्प के रूप में देखते हैं। उनका मानना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पपीते की खेती की जा सकती है। साथ ही अन्य फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
पपीता एक ऐसा फल है जो पोषण से भरपूर है। चाहे कच्चा हो या पक्क पपीता हो, दोनो ही स्वास्थ्य की दृष्टि में फायदेमंद है। पपीते विभिन्न प्रकार के विटामिन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर के साथ साथ कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। डा. अंशुमान सिंह ने बताया कि यह उष्णकटिबंधीय पौधा है जिसके लिए 10- 40 डिग्री के मध्य तापमान हो व पौधरोपण का समय मार्च एवं अक्टूबर का माह हो। इन्होंने कहा कि इसकी अच्छी खेती हेतु हल्की दो-टूक मिट्टी जिसका पी एच मान साढ़े छः से साढ़े सात के मध्य हो। किसान बेहतर अवसंरचनात्मक विकास से एक पौधे से 60 से 75 किलो फल प्राप्त कर सकते हैं व पपीते की खेती को बेहतर मुनाफा हेतु कृषि व्यवसाय के तौर पर अपना सकते हैं।
कमला नेहरू संस्थान के प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह नें फरीदीपुर परिसर के प्रक्षेत्र का गहन निरीक्षण किया एवं उद्यान विभाग के सभी प्राध्यापकों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर इन्होंने कहा कि इस तरह के पहल से ग्रामीण किसानों को अवगत कराना व विद्यार्थियों के ज्ञान में अभिवृद्धि करना , उद्यान विभाग की एक बेहतर गतिविधि होगी।