देवकली वन चौकी क्षेत्र में वन दरोगा व वन रक्षक की मिलीभगत से अवैध कटान को दिया जा रहा अंजाम, जिम्मेदार अफसर मौन
लखीमपुर खीरी। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर रेंज की देवकली वन चौकी क्षेत्र में शातिर लकडकटटें लगातार अवैध कटान करने में जुटे हैं। इन अवैध कटानों को देवकली वन चौकी के भ्रष्ट वन दरोगा अमित मिश्रा व वन रक्षक मतीन अहमद की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है। भ्रष्ट वन दरोगा व वन रक्षक से सांठगांठ के चलते शातिर लकडकटटों के हौसले इतने बुलंद हो गये है कि वह सरकारी पेड़ों को भी निशाना बनाने से भी नहीं चूकते। वन विभाग की भ्रष्ट नीतियों के चलते शातिर लकडकटटों ने बीते एक महीने में दर्जनों देशी आम की हरी भरी बागों को कलमी आम दर्शा कर सफाया कर डाला है। इन अवैध कटानों में डिवीजन में कार्यरत एक प्राइवेट कर्मचारी भी संलिप्त हैं। लेकिन वन विभाग के अफसर सब कुछ जानते हुए भी अपने भ्रष्ट कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर रेंज की देवकली वन चौकी क्षेत्र के ढुसरू गांव में देशी आम की हरी भरी व फलदाई बाग बीते दो दिनों से काटी जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र के वन दरोगा अमित मिश्रा व वन रक्षक मतीन अहमद ने शातिर लकडकटटों से सांठगांठ कर रखी है। इसी सांठगांठ के चलते वन दरोगा व वन रक्षक ने लकडकटटों से मोटी रकम का लेन-देन कर देशी आम के पेड़ों को कलमी आम दर्शा कर रवन्ना जारी करने का आश्वासन दिया है। रवन्ने का आश्वासन मिलने पर शातिर लकडकटटे बेखौफ होकर देशी आम के हरे हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। जबकि इस हरी भरी बाग में देशी आम व जामुन के ही पेड़ मौजूद हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि वन दरोगा अमित मिश्रा व वन रक्षक मतीन अहमद ने जब से चार्ज संभाला है, तब से क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध कटान बेरोकटोक जारी है। शिकायत किये जाने के बाद भी वन विभाग के आला अधिकारी इन भ्रष्ट वन दरोगा व वन रक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि क्षेत्र में सक्रिय लकडकटटें लगातार अवैध कटान कर पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहे हैं।
ज्ञात हो कि वर्तमान समय में शारदानगर रेंज वन विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेड़ों का अवैध कटान किया जा रहा है। वन विभाग के भ्रष्ट अफसर डिवीजन में कार्यरत एक प्राइवेट कर्मचारी सलाम द्वारा कूटरचना कर तैयार किए गए कागजातों को आधार बनाकर शातिर लकडकटटों को रवन्ना जारी कर देता है। इसी रवन्ने की आड़ में शातिर लकड़कट्टें सरेआम देशी आम के हरे भरे फलदाई पेड़ों को काट रहे है। अगर कोई इस अवैध कटान की कोई शिकायत करता है तो वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कलमी आम बता पल्ला झाड़ लेते हैं। बीते एक महीने में ही वन विभाग व शातिर लकड़कट्टों ने कलमी आम की आड़ में देशी आम की दर्जनों हरी भरी बागों का सफाया कर डाला है। इन अवैध कटानों को लेकर शारदानगर रेंजर अभय कुमार मल्ल भी रटा-रटाया जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि वह बाग की फोटो व खसरा खतौनी देखकर ही रवन्ना जारी करते हैं। लेकिन वह शायद यह भूल जाते हैं कि उनके क्षेत्र में हो रहे अवैध कटानों को रोकना भी उनकी ही जिम्मेदारी बनती है। इसके अलावा अपने भ्रष्ट वन दरोगा व वन रक्षक पर अंकुश लगाना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। फिलहाल दक्षिण खीरी वन प्रभाग के ईमानदार डीएफओ संजय विश्वाल को वन विभाग की छवि धूमिल करने वाले अपने अफसरों व कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे वन विभाग में फैला भ्रष्टाचार खत्म हो सके।